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Maha Mrityunjaya Stotram



Stotra: Maha Mrityunjaya Stotram

रुद्रं, पसुपथिं, स्थाणुं, नीलकन्दं, उमापथिं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 1
नीलकन्दं, कलमूर्थिं कलग्नंर कलनासनं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 2
नीलकन्दं, विरूपाक्षं निर्मलं विमलप्रधं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 3
वामदेवं महादेवं लोकनाधं जगत्गुरुं,
नमामि सिरस देवं , किं नो मृत्यु करिष्यथि. 4
देवदेवं जगन्नाथं देवेशं व्रुशभद्वजम्,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 5
त्रैक्षं चथुर्भुजं संथं जात मकुट धारणं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 6
भस्मोद्दुलिथ सर्वाङ्गं नगभारण भूषिथं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 7
अनाथं अव्ययं संथं अक्षमाला धरं हरं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 8
अआन्धं परमं नित्यं कैवल्य पद धयिनं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 9
ऱ्धनारीस्वरम् देवं पर्वत्ह्य प्राण नायकं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 10
प्रलय स्थिथि कर्थारं अधि कर्थरमीस्वरम्,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 11
व्योमकेसं विरूपाक्षं चन्द्रार्ध कृथा शेकरं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 12
गङ्गाधरं ससिधरं संकरं शूलपनिनं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 13
श्र्वर्गपवर्ग दत्हारं सृष्टि स्थिथ्यन्थकरिणं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 14
कल्प आयुर देहि मेय पुण्यं यावद आयुर अरोगथं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 15
शिवेसनं महादेवं वामदेवं सदाशिवं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 16
उथ्पथि स्थिथि संहार कर्थर मीस्वरम् गुरुं,
नमामि सिरस देवं, किं नो मृत्यु करिष्यथि. 17
मार्कण्डेय कर्थं स्तोत्रं य पदेतः शिव सन्निधौ,
थस्य मृत्यु भयं नस्थि न अग्नि चोर भयं क्वचिथ्. 18
शथवृथं प्रकर्थव्यं संकटे कष्ट नासनं,
सुचिर भूथ्व पदेतः स्तोत्रं सर्व सिधि प्रधयकं 19
मृथ्युन्जय महादेव थ्राहि मां सरनगथं,
जन्म मृत्यु जरा रोगै, पीदिथं कर्म बन्धनै. 20
थावक स्त्वद गथ प्राण थव चिथोहं सदा मृदा,
इथि विज्ञाप्य देवेशं थ्र्यंबकख्यं जपेतः,
नाम सिवाय संबय हरये परमथ्मने,
प्रनाथ कलेस नास्य योगिनां पथ्ये नाम. 21-22


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